रिपोर्ट के अनुसार, देश के विभिन्न शहरों की सड़कों पर तकरीबन 50 लाख गाय घूमती रहती हैं। जरूरत के अनुसार खाना नहीं मिलने की वजह से ये गाय सड़क पर फेंके जाने वाले कूड़े-करकट को खा लेती हैं और कई बार इसी के चलते उनकी मौत भी हो जाती है। हालांकि, समय-समय पर सरकारें और कई एनजीओ गाय को बचाने के लिए सामने आते हैं और उनके खाने-रहने की व्यवस्था कराते हैं।
वि दुबे ने बताया कि गाय के पेट में उसके बछड़े को बढ़ने के लिए पूरी जगह नहीं मिली थी, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। तीन दिनों के बाद खुद गाय भी मर गई। दुबे ने कहा, ''13 साल के मेरे अनुभव में यह किसी भी गाय के पेट से निकला सबसे अधिक कचरा है। हमने कचरे को उसके पेट से बाहर निकालने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा ली।''
इससे पहले भी ट्रस्ट कई गायों की सर्जरी कर कचरे को निकाल चुका है। हालांकि, पिछली बार उसे सबसे ज्यादा कचरा मिला था, वह 50 किलो था। दुबे ने आगे बताया, ''गाय हमारे लिए काफी पवित्र होती है, लेकिन उसकी जिंदगी की कोई भी परवाह नहीं करता है। शहर में हर तरफ कूड़ा मिलता है।''
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