जो भी खाएं साफ-सुथरा खाएं, गरिष्ठ भोजना न करें
डॉ. अमरेंद्र कुमार, पूर्व अध्यक्ष गैस्ट्रो विभाग, आईजीआईएमएस और डॉ. रमेश कुमार, अध्यक्ष, गैस्ट्रो विभाग,एम्स के मुताबिक होली में लेाग पुआ-पूड़ी, मिठाइयां, अत्यधिक तेल-मसाले वाली सब्जियां खाते हैं। कई घरों में मांसाहार का भी प्रचलन है। स्वाद के लिए खाएं लेकिन कोई भी भोजन इतना ज्यादा ना खाएं कि तकलीफ होने लगे। मांस साफ-सफाई वाले जगहों से लें। बासी खाने से परहेज करें।
रंग खेलने से पहले लगाएं नारियल अथवा जैतून का तेल
डॉ. मधुरेंद्र सिन्हा, एनएमसीएच और डॉ. विकास शंकर, पीएमसीएच के अनुसार होली में रासायनिक रंगों से त्वचा में जलन, खुजली, लालीपन की समस्या हो सकती है। अत: हर्बल रंग का इस्तेमाल करें। रासायनिक रंगों में एलुमिनियम ब्रोमाइड, माइका, लेड ऑक्साइड व डाई मिला होता है। यह चमकीला और मुलायम लगेगा। लेकिन त्वचा पर इसका घातक प्रभाव पड़ता है। हर्बल रंग बीट, पालक और पत्तियों से बनता है। इनका कुप्रभाव भी कम पड़ता है। ऐसे रंगों से अथवा सूखी होली खेलें। बचाव के लिए पूरी बांह की कमीज पहनें, चेहरे और हाथों पर जैतून का अथवा नारियल का तेल लगा लें।
आंखें में रंग पड़े तो रगड़ें नहीं
आईजीआईएमएस के डॉ. नीलेश मोहन ने बताया कि आंखों में रंग पड़ जाए तो लगातार साफ और ठंडे पानी से धोएं। आंखों को रगड़े नहीं। रंगों में रासायन का प्रयोग होने से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। अत: जब आंखें लाल होनी लगे और दर्द हो तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।
डायबिटीज मरीज मीठा और ज्यादा खाना ना खाएं
न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि डायबिटीज के मरीज हैं तो होली के दौरान भी खाने-पीने में संयम बरतें। मीठा और तले हुए खाने से दूरी बनाए रखें। एक दिन ज्यादा खाना आपके कई दिनों की मेहनत पर पानी फेर देगा। दवा समय पर लेते रहें। अगर बाहर टहलने में मुश्किल है तो घर में ही व्यायाम और योग-प्राणायाम करें।
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